जब भी बात पैसा कमाने की हो तो हमें यहीं लगता है कि पैसा कमाना सबसे मुश्किल होता हैं, इसके लिए व्यक्ति को कठिन मेहनत ( Hard Work) करना होता हैं, तमाम तरह की मुसीबतों का सामना करना पड़ता है, तब जाकर कुछ पैसा हमारे पास जमा होता है। हम भारतीयों की एक आदत है कि हम बचत करने पर ध्यान देते हैं, लेकिन हम कभी इन्वेस्ट (Invest) के तरीके नहीं ढुंढते हैं।
आपको अपना पैसा बढ़ाना हैं तो उसके लिए इन्वेस्टमेंट करना होता है। आप जो भी इन्वेस्ट करते हैं उसका महत्वपूर्ण भाग होता है कंपाउंडिंग (Compounding)। आज इस पोस्ट के माध्यम से हम आपको बताएंगे कि आखिर ये कंपाउंडिंग (Compounding) है क्या और क्या होता है इसमें, क्यूं इन्वेस्टर्स और बिजनेसमैन (Businessman) इसे इतना ज्यादा पसंद करते हैं। यह ऐसा कौनसा मैजिक (Magic) हैं जिससे इन्वेस्टरों को प्राॅफिट हीं प्राॅफिट होता है, आइए जानते हैं हमारी इस पोस्ट में कंपाउंडिंग (Compounding) से जुड़ी सारी जानकारी।
पावर ऑफ कंपाउंडिंग (Power Of Compounding) क्या होता है ?
इसे ऐसे समझ सकते हैं कि कहीं निवेश (Investment) करने पर आपकी जो कमाई होती है, उसे भी फिर से निवेश (Investment) करना कंपाउंडिंग होता है। इसमें आपको मूलधन के साथ उसके ब्याज पर भी ब्याज मिलता है, कंपाउंडिंग आपके निवेश (investment) को बढ़ाने में जहां बड़ा जरिया है,
मसलन अगर आप 10 हजार रुपये किसी भी स्टॉक या म्यूच्यूअल फण्ड में निवेश (Invest) करते हैं तो उस पर 10 फीसदी हर साल के हिसाब से रिटर्न मिलता रहता है,
जो की एक साल बाद 11000 रुपये होगा, और अगले साल इसी 11000 रुपये पर 10 फीसदी ब्याज फिर से मिलेगा और मेच्येारिटी अवधि तक इसी तरह हर बार आपको ब्याज पर ब्याज मिलता रहेगा, इस पूरी विधि को ही पाॅवर ऑफ कंपाउंडिंग (Power of Compounding) कहा जाता है।
पावर ऑफ कंपाउंडिंग का फायदा तब ज्यादा मिलेगा, जब आपका निवेश लंबी (Long Term) अवधि तक का होगा।
कंपाउंडिंग की सबसे बड़ी ताकत यह है कि इसमें आप जितना लंबा निवेश करते हैं, उससे काफी ज्यादा आपको हीं फायदा होता हैं। अगर आप छोटी उम्र से हीं इन्वेस्ट करने लग जायेंग, तो थोड़ी उम्र बढ़ने के साथ 20-22 साल बाद आपके निवेश पर कंपाउंडिंग भी ज्यादा होंगी।
आप कैसे कर सकते हैं निवेश
यदि आपको कहीं निवेश करना हो तो पहले आपका इनकम ऑफ सोर्स (Income Of Source) देख लेना आवश्यक होता है। आप अपनी इनकम में से कितनी बचत कर पाते हैं, इस बात पर भी निर्भर करता है। आप अपनी इनकम से जितना ज्यादा पैसा बचाएंगे, उतना हीं आपको फायदा पहुंचता हैं।
अगर आप छोटी सी उम्र से हीं कम खर्च करके अधिक बचाना चाहेंगे, तो आपका आने वाला भविष्य उज्जवल और खुशहाल हो जाता है, इसके लिए आपको पहले यह समझाना बहुत जरुरी है है आप अपने पैसे की बचत कैसे कर सकते है और बजट बना कर अपने खर्चो पर नियंत्रण कर के अछि तरह से निवेश कर सकते है,
अगर आपको नहीं पता के बजट क्या होता है और कैसे बनाया जाता है तो आप यहाँ से सिख सकते है बजट केसे बनाये?
आप निवेश (Invest) कहां पर कर सकते हैं
जब भी कोई कंपाउंडिंग के लिए निवेश का सोचता है तो उसके सामने सबसे बडा़ सवाल यहीं खड़ा होता है कि वह अपना निवेश कहां और कैसे करें कि उसे ब्याज के साथ ब्याज मिलता रहें।
अगर आपको कोई रिसर्च नहीं करना हो और बिना टेंशन की किसी स्कीम का सोच रहे हैं, तो पीपीएफ (PPF) आपके बेस्ट विकल्पों में शामिल हो सकता हैं, जिसमें आपको सरकारी गारंटी मिलने के साथ रिस्क भी नहीं लेना होता। इसके अतिरिक्त आप साहुकार बनकर, शेयर मार्केट या मेन्युअल फंड में भी निवेश की संभावना को तराश सकते हैं।
अपना लक्ष्य (Goal) तय करके चलें
जब भी आप किसी सेक्टर (Sector) में कार्य कर रहे होते हैं तो आपके कुछ लक्ष्य निर्धारित होते हैं। लक्ष्य ही एकमात्र ऐसी चीज है जो आपको बुलंदियों के रास्ते पर ले जाती है। अगर आप एक बड़े निवेशक बनना चाहते हैं तो आपको लंबे समय का लक्ष्य निर्धारित करके चलना होता है।
लंबी अवधि होने का मुख्य फायदा यह होगा कि मान लीजिए आपसे कुछ गलती हो जाती है, तो आपको उसे सुधारने के मौके हीं मौक़े मिलेंगे। जब भी आप अपना लक्ष्य निर्धारित करके निवेश करेंगे तो आपको सफलता भी बहुत जल्द मिलने लग जाती है।
आप एस आई पी (SIP) या म्यूच्यूअल फण्ड भी कर सकते हैं
यदि आपके पास इकट्ठा पैसा (Money) नहीं होता हैं तो आप Mutual Funds (SIP) के माध्यम से हर महीने एक तय राशि का इन्वेस्ट कर सकते हैं, जिससे वे कम समय में हीं अपने वित्तीय लक्ष्यों की प्राप्ति कर सकते हैं। अगर आप लंबे समय के लिए निवेश कर रहे हैं, तो अपने पास 6 महीनों का इमरजेंसी फंड भी साथ में रखें।
यह पढ़े – शेयर मार्केट में इन्वेस्ट कैसे करें ?
धैर्य और अनुशासन के साथ कार्य
किसी भी कार्य को करने के लिए लक्ष्य निर्धारण के साथ-साथ अनुशासन में रहना और कार्य के प्रति संयम (Control) बरतना इसके महत्वपूर्ण चरण होते हैं। अच्छे बिजनेस को चिन्हित करके लंबे समय के लिए होल्ड किए जाय, तो जो रिटर्न (Return) यहां मिलता है, किसी भी निवेश साधन में नहीं मिलता।
पैसा बनाने के लिए दो-तीन चीजें हीं चाहिए, जिसमें पहला कि भविष्य में किस सेक्टर का बिजनेस बढ़ सकता है उस सेक्टर में जो कंपनी तेजी से बढ़ रही है उसे चिन्हित करना और दुसरा कि धैर्य व अनुशासन के साथ रखें रहना है, बाकी काम अपने आप हो जाएगा।
कंपाउंडिंग की शक्तियां | Power of compounding in Hindi
कंपाउंडिंग (compounding) तब होती है जब आप अपने निवेश पर जो रिटर्न कमाते हैं, वह रिटर्न अर्जित करना शुरू कर देता है। जब आप Mutual Funds (SIP) के माध्यम से नियमित रूप से निवेश (invest) करते हैं, तो आपके रिटर्न का फिर से निवेश हो जाता है।
समय के साथ, इसका परिणाम प्रभावी होता है, जो आपके संभावित रिटर्न को कई गुना तक बढ़ा सकता है। इस लाभ को अधिक करने का एक आदर्श तरीका लंबे समय के लिए निवेश करना है, इसका मतलब यह भी है कि जल्द से जल्द निवेश करने से आपको फायदा हो सकता है। यहां तक कि दस साल की हेड-स्टार्ट भी आपके रिटर्न पर अच्छा खासा बड़ा असर डाल सकती है।
तो दोस्तों इस पोस्ट में आपको कंपाउंडिंग (Compounding) से जुड़ी सारी जानकारियां तो मिल ही गयी होंगी, अगर फिर भी आपको कुछ समझ ना आया हो तो आप बेझिझक कमेंट बाॅक्स में कमेंट कर सकते हैं और आपके पास भी अगर इस बारे में कोई जानकारी उपलब्ध हो तो आप हमें अवगत करा सकते हैं।