वेब 3 जिसे सिमेंटिक वेब (semantic web) भी कहा जाता है , वेब 3.0 की चर्चा बहुत सालो से होती रही है लेकिन सवाल यह है के वेब 3 आखिर कब लागु या शुरू होगा, वेब 3 से इन्टरनेट यूजर , बिज़नस, डेवेलोपेर्स और आम जनता पर क्या प्रभाव पड़ेगा, यह किस तरह इन्टरनेट की दुनिया को बदलेगा , ओसे ही कई सवाल है जिनके बारे में जानने से पहले हम समझेंगे वेब1 और वेब 2 क्या है?
Web 1.0 क्या है ? | Web 1 in Hindi
1994 से लेकर के 2004 के समय में जब इन्टरनेट लोगों के द्वारा इस्तेमाल किया जा रहा था तब इन्टरनेट केबल एक साधारण पेज का रूप में था जिसमें लोग केवल कुछ जानकारियों को इन्टरनेट की सहायता से प्राप्त कर सकते थे जहा पर न तो हमे किसी भी चीज के फोटो न ही वीडियो देखने के लिए मिलती थी
उन पेज में किसी भी प्रकार की JavaScript काम नहीं करती थी। और ना ही वह आपसे कोई आपकी जानकारी , जैसे की लोग इन डिटेल, ईमेल या पासवर्ड लेती थी। वह एक बड़े Wikipedia की तरह था, जो कि आपको अपनी डेटाबेस में से निकाल कर के कुछ जानकारी देता था। उस समय जो जानकारी प्राप्त करने के लिए हम इंटरनेट का इस्तेमाल करते थे उसे Web 1.0 कहते थे।
Web 2.0 क्या है ? | Web 2.0 in Hindi
समय कुछ समय बीतने के बाद में Web 2.0 जो कि 2004 से लेकर के अभी के समय तक में इस्तेमाल किया जा रहा है, उसका आगमन हुआ।
Web 2.0 बहुत ही ज्यादा interactive Internet का version है। जिसकी सहायता से लोग जानकारिय ले भी सकते है तथा जानकारी दे भी सकते है। इसी के साथ में लोग विभिन्न प्रकार की सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से हर दिन की खबरों के बारे में भी जान सकते है। लोग Online shopping भी कर सकते हैं।
इसके अलावा Internet में होने वाली कई अन्य से काम है जो कि लोग कर सकते हैं, जैसे कि पैसे का Transaction, YouTube के Video देखना, Google Search करना। ऐसे कई Action को Perform करना जिसमें जानकारियों का लेन-देन किया जाता है, यानी कि जिसमें 2-side Information को बांटा जाता है।
Web 2.0 के खतरनाक प्रभाव
लेकिन जब कुछ समय बीता, तब हमें यह पता चला कि वह 2.0 में किसी भी प्रकार से हमारे पास में हमारी जानकारियां हमारे Privacy सुरक्षित नहीं है। क्योंकि आज के समय Google, Facebook, Amazon, Twitter, Apple, Microsoft, यह कुछ ऐसी महान और बड़ी Techno-Oriented कंपनियां है जो हमारी जानकारियां अपने पास में रखती है।
और इस जानकारियों को प्रोसेस करके वह हमें हमारी पसंद के अनुसार कंटेंट उपलब्ध करवाती है। हर एक व्यक्ति को एक Advertisement target के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। यानी कि Internet पर यदि हम किसी भी प्रकार की कोई भी Information शेयर करते हैं, तो इसके बारे में सबसे पहले इन सभी कंपनियों को पता चलता है। और उसके बाद में, यह कंपनिया उसी प्राइवेट जानकारी का इस्तेमाल करके हमें विज्ञापन दिखाते हैं।
Web 2.0 के खतरनाक प्रभावों का एक live example
यदि कोई व्यक्ति इसके बारे में कुछ जानना चाहता है तो वह गूगल पर चश्मे के बारे में सर्च कर सकता है। यदि आप Google पर एक चश्मे के बारे में सर्च करेंगे और बाद में आप Browser बंद करके यदि किसी दूसरे Platform पर चले जाएंगे तो दूसरे Platform पर भी आपको उसी Advertisement के बारे में Videos तथा Pictures दिखाई जाएंगी।
ताकि आप उसे विज्ञापन पर click करके उस वस्तु को खरीद सके, या फिर उस वस्तु का इस्तेमाल कर सके। और लगभग सारी Techno-Giant के पैसे कमाने के पीछे यही logic इस्तेमाल किया जाता है।
एक तरीके से web 1.0 हम लोगों को एक consumer के तौर पर treat करता था। यानी कि वह जो Information देता था, वह हम लोग Consume करते थे। तथा Web 2.0 मैं कुछ बड़ी Giant कंपनियां आपस में मिलकर के हजारों-करोड़ों लोगों की Information को अपने Database में रखती है और उन्हें Process करके उनका इस्तेमाल करती है।
जब जरूरत पड़ती है तब यही बड़ी Technical कंपनियां हमारे Information को कुछ ऐसे लोगों के पास में बेच देती है जो कि अपने Information को या फिर अपने Advertisement को हमारे पास में पहुंचाना चाहते हैं।
एक तरीके से यह Information का Centralization है, जो कि सुनने में और समझने में बहुत ही ज्यादा भयावह है।
Web 3.0 क्या है ? | What is Web 3.0 In Hindi?
वर्ल्ड वाइड वेब या इन्टरनेट का तीसरा जनरेशन Web 3.0 है. जो WEB 2.0 तथा WEB 1.0 का अपग्रेडेड वर्शन है। जिसमे सभी डिवाइस DECENTRALIZED नेटवर्क से कनेक्ट रहंगे न की किसी डेटाबेस सर्वर पर, और जहा पर इन्टरनेट ज्यादा सिक्योर व् प्राइवेट रहेगा.
Web 3.0 के बारे में बातें 2015 से ही शुरू हो गई थी। लेकिन इसका जन्म 2021 में हो चुका है। और लोग इस पर अपना Test Procedure complete कर रहे हैं। web 3.0 कोई सॉफ्टवेर नहीं है, न ही कोई प्लेटफार्म है। बस यह वह तरीका है जिसकी सहायता से हमारे इन्टरनेट इस्तेमाल करने का तरीका पूरी तरीके से बदल जायेगा।
और इसके Test Procedure का मतलब यह है कि आज के समय बहुत सारे Blockchain developer उस Environment को बनाने की कोशिश कर रहे है जिसमे एक Information को Blockchain के अन्दर स्टोर किया जा सके और उस Information को access करने के लिये Token का इस्तेमाल किया जा सके।
आने वाले समय में वेब 3 और ब्लोच्क्चैन डेवलपमेंट की मांग बहुत तेजी से बढ़ सकती है अगर आप भी BLOCKCHAIN डेवलपर बनना चाहते है और वेब 3 जेसे टेक्नोलॉजी में अपना करियर बनाना चाहते है तो आप इस आर्टिकल में ब्लोच्क्चैन डेवलपमेंट के बारे में सिख सकते है।
वेब 3 की सबसे ख़ास बात यह है के इसके सभी सर्विस ब्लॉकचैन, क्रिप्टो करेंसी, NFT, आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस , मशीन लर्निंग, पर आधारित होंगे.
जब इसका इस्तेमाल करने लायक Environment बन जाएगा, तब यह लोगों के लिए उपलब्ध करवा दी जाएगी। और इसी के लिए Facebook ने अपने Facebook world को Meta नाम दिया है क्योंकि यह Meta, Metaverse नाम से संबंधित है जोकि Artificial Intelligence की सहायता से एक Virtual Reality की पूरी दुनिया बनाने में मदद करता है। और उस Virtual Reality की दुनिया को जिसे दूसरी दुनिया भी कहा जाता है, Web 3.0 के द्वारा Access किया जाएगा।
Web 3.0 को Decentralization Tools तथा Blockchain Technology की सहायता से बनाया गया है। जिसकी मदद लेकर के अपने Internet का खुद मालिक बनाता है।
Web 2.0 में यूजर खुद एक Internet का प्रोडक्ट बन जाता है, एक ऐसा प्रोडक्ट जिसे Internet उसे कर रहा है, जिसे कोई Web ब्राउज़र यूज कर रहा है। लेकिन Web 3.0 के अंदर यूजर अपने Internet के खुद मालिक बन जाएंगे।
Web 2 vs Web 3 Apps
Usecase | Web 2.0 Apps | Web 3.0 Apps |
---|---|---|
Browser | Google Chrome | Brave Browser |
Video sharing platform | Youtube | Odysee |
Storage | Google Drive, Dropbox | IPFS, STORJ |
Social Media | Facebook, Twitter | Steemit |
Messaging | Status | |
Freelance jobs | Fiverr, Upwork | Ethlance |
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Web 3.0 किस प्रकार लाभदायक है?
Web 3.0 को इस्तेमाल करना लोगों के लिए बहुत प्रकार से लाभप्रद हो सकता है, जैसे कि-
- Web 3.0 को ब्लॉकचेन तथा Decentralization Tool किस से मदद से बनाया गया है। यानी कि यदि कोई एक व्यक्ति यदि web 3.0 इस्तेमाल करता है तो वह अपनी Information को control कर सकता है। और वह इस बात का ध्यान रख सकता है कि उस Information को कौन access कर सकता है और कौन नहीं।
- Web 3.0 पर किसी भी प्रकार की censorship लगाना असंभव है, और इसकी कोई भी एकाधिकार मालिक नहीं होंगे। यानि की अभिव्यक्ति की आजादी अपने असली स्वरुप में दिखाई जायेगी जिसे कोई भी नियंत्रित नहीं कर पायेगा।
- इस Internet के Upgraded version को इस्तेमाल करना हर व्यक्ति के लिए संभव होगा और कोई भी व्यक्ति अपने Content को पोस्ट करने से रोका नहीं जा सकेगा।
- ऐसी कोई भी Authority नहीं होगी जो कि किसी भी Content को रोक सके, या फिर मिटा सके, या डिलीट कर सके, क्योंकि यह पूर्ण रूप से Blockchain Technology के विपरीत है।
- इसको जो सबसे बड़ा फायदा है वह यह है कि इसमें आपको आपकी Digital Identity को अपनी Real Identity से कनेक्ट करने की कोई आवश्यकता नहीं है। यानी कि आप Web Browsing Internet Downloading, और Online Shopping, का काम बिना अपनी Identity को Disclose किए कर सकते हैं। और आप को Trace करना भी असंभव होगा।
- Web 3.0 का इस्तेमाल करके आप किसी भी Online Shopping की पेमेंट Crypto-Currency की सहायता से कर सकते हैं। या फिर किसी Online वस्तु या Virtual Land की Purchase आप Crypto-Currency की सहायता से कर सकते हैं।
- Web3 foundation वह foundation है जोकि Web 3.0 को सपोर्ट करती है, तथा उसी प्रकार के Decentralized Idea को आगे बढ़ाने का काम करती है।
- Blockchain Polkadot, Polkadot, Test Chain, तथा Web 3 Summit Web 3.0 को पूर्ण रूप से explain करने का काम करते हैं।
- वेब 3 से जुड़े कई नोकारियो के अवसर मिलेंगे
Web 3.0 के क्या features हैं
- Virtual Reality का accessible होना,
- CryptoCurrency का इस्तेमाल होना,
- Blockchain से integrated होना,
- पूरी तरह Decentralized होना,
- हर किसी के लिए available हो ना,
- Artificial Intelligence का भरपूर इस्तेमाल होना,
Web 3.0 के मुख्य Features में शामिल है।
Web 3.0 किस प्रकार Crypto Currency से related है?
Web 3.0 एक प्रकार से Internet का Totally Decentralization है, जिसकी मदद से कोई भी संस्था या फिर कोई भी Technology Giant किसी भी प्रकार की Information का मालिक नहीं हो पाएगा। और सुरक्षा से संबंधित सारी जानकारियां पूर्ण रूप से सुरक्षित होंगी। जिन्हें कोई भी व्यक्ति तब तक किसी की Information का इस्तेमाल नहीं कर पाएगा जब तक वह स्वयं इसकी आज्ञा ना दें।
Web 3.0 की सहायता से कोई भी व्यक्ति किसी Virtual Reality में Land खरीदने के लिए Crypto-Currency का इस्तेमाल कर सकता है, कोई भी Token खरीदने के लिए Crypto-Currency की सहायता ले सकता है, और एक व्यक्ति Web 3.0 की सहायता से Amazon पर भी Crypto-Currency से लेनदेन करके किसी फिजिकल प्रोडक्ट की खरीदारी कर सकता है।
जिस प्रकार से Crypto-Currency की का इस्तेमाल करने के लिए Blockchain Technology की आवश्यकता होती है उसी प्रकार से इस Platform पर web 3.0 Technology को इस्तेमाल करने के लिए भी Blockchain की आवश्यकता है, और Virtual Reality तथा Artificial Intelligence का भरपूर इस्तेमाल इस Environment में किया जाएगा।
भविष्य में Web 3.0 की सहायता से यूजर्स को अपने Personal Information के लीक हो जाने का डर नहीं रहेगा, और सभी लोग पूर्ण रूप से सुरक्षित रह पाएंगे।
Web 3.0 Crypto Coin List
- Helium,
- Polkadot,
- Kusama,
- Ocean,
- Chainlink,
- Theta,
- The Graph,
- Bit Torrent,
- Basic Attention Token,
- Airweave,
- Sia-Coin,
- Live-Peer, File-coin,
यह सारे Crypto-Currency Web 3.0 के Crypto Coin है।
इन सभी coins को आप Binance, WazirX, Vauld जैसी एक्सचेंज से खरीद सकते है।
निष्कर्श
वेब 3 के फीचर व् सुविधाएं देख कर यह कहा जा सकता है के आने वाले समय में इंटरनेट की दुनिया पूरी तरह बदल जायेगी, लोगो को अपने प्राइवेसी और डाटा की चिंता से कुछ राहत मिलेगी साथ ही रोजगार के अवसर बनेंगे, उम्मीद है वेब 3 वेब 2 v वेब 1 में आपको जानकारी मिल चुकी होगी, अगर पोस्ट अच्छी लगी तो अपने दोस्तो के साथ शेयर जरूर करे।
इस ब्लॉग के माध्यम से हम किसी भी प्रकार की फाइनेंसियल सलाह नहीं देते है, किसी भी कॉइन व क्रिप्टो करेंसी में निवेश करने से पहले अपने फाइनेंसियल एडवाइजर से सलाह जरूर ले और अपनी रिसर्च जरूर करे.
FAQ
वेब 3.0 के एप्प्स कोनसे है ?
Brave browser
Odysee
Status
Steemit
STORJ
Ethlance
वेब 3.0 के एप्प्स है.
भारत में वेब 3.0 के स्टार्टअप्स कोनसे है ?
Vayupankh
Biconomy
Polygon
StaTwig
PredictRam
3bewt
Huddle01
Koinearth
Arcana
भारत के वेब 3 स्टार्टअप्स है।
Bhai Aapne Kafi Acchi Jankari Hare Sath Share Kiye Hai Mujhe Aapka Yah Article Me Kafi Jankari Thi Mujhe Web 3.0 Ke Bare Me Bahut Kuch Pta Chal Paya…