कल रितिका ने एक पौष्टिक सलाद ऑर्डर किया। उसे पता था कि यह उसे कई पोषक तत्व देगा। इसी तरह, ETF में निवेश करने से आप कई कंपनियों के शेयरों का लाभ उठा सकते हैं।
ETF एक निवेश साधन है। यह स्टॉक, डेट इंस्ट्रूमेंट, सोना या इक्विटी इंडेक्स पर आधारित है।
प्रमुख बिंदु
- एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ETF) एक विविध निवेश साधन है जो आपको एक ही लेनदेन में कई कंपनियों में निवेश करने की सुविधा देता है।
- ETF में निवेश करके, आप कई विभिन्न क्षेत्रों या सूचकांकों में एक्सपोज़र प्राप्त कर सकते हैं।
- ETF कम लागत वाला और पेशेवर रूप से प्रबंधित एक विकल्प हो सकता है।
- ETF में निवेश करके, आप अपने पोर्टफोलियो की विविधता बढ़ा सकते हैं।
- ETF लंबी अवधि में आय वृद्धि और पूंजी संरक्षण का उपाय हो सकता है।
ईटीएफ का परिचय
एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ETF) म्यूचुअल फंड की तरह ही काम करता है। लेकिन, यह एक महत्वपूर्ण अंतर है: ETF का कारोबार स्टॉक एक्सचेंज पर होता है। इस प्रकार, ETFs म्यूचुअल फंड के लाभों को इक्विटी स्टॉक के साथ मिलाते हैं।
ETFs विविध निवेश विकल्पों की तलाश में लोगों के लिए एक अच्छा विकल्प हैं।
एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) की अवधारणा समझें
भारत में ETFs की शुरुआत 2001 में हुई थी। तब बेंचमार्क एसेट मैनेजमेंट ने निफ्टी बीईएस लॉन्च किया था। अब, भारत में ETFs के लिए प्रबंधित संपत्ति 25 बिलियन रुपये से अधिक है।
भारत में लोकप्रिय ETFs में इंडेक्स फंड, गोल्ड और बॉन्ड ETFs शामिल हैं।
ईटीएफ और म्यूचुअल फंड में अंतर
ETFs और म्यूचुअल फंड में अंतर हैं। म्यूचुअल फंड में सीधे कंपनी से निवेश किया जाता है। लेकिन, ETFs को स्टॉक एक्सचेंज पर कारोबार किया जा सकता है।
म्यूचुअल फंड में वार्षिक शुल्क 1-3% तक हो सकता है। लेकिन, ETFs में शुल्क 0.6% से 1% तक ही होता है।
ETFs निवेश के लिए आसान और पारदर्शी हैं। म्यूचुअल फंड में निवेशकों को आमतौर पर ब्रोकर्स या सलाहकारों से संपर्क करना पड़ता है।
ETFs म्यूचुअल फंडों के लाभों को इक्विटी स्टॉक के साथ जोड़ते हैं। यह एक अनुकूल और लागत प्रभावी विकल्प है।
ईटीएफ कैसे काम करते हैं?
एक्सचेंज ट्रेडेड फंड या ईटीएफ एक आसान निवेश विकल्प है। यह निवेशकों को स्टॉक मार्केट की विविधता का लाभ देता है। भारत में इक्विटी, बॉन्ड और गोल्ड ईटीएफ बहुत लोकप्रिय हैं।
ईटीएफ स्टॉक एक्सचेंज में कारोबार किया जाता है। यह निवेशकों को एक्सचेंज की पारदर्शिता और लचीलापन देता है। इनमें न्यूनतम SIP राशि ₹100 से ₹5000 तक है। यह सभी निवेशकों के लिए सुलभ है।
ईटीएफ की इकाइयों को पंजीकृत ब्रोकर के माध्यम से खरीदा और बेचा जा सकता है। इनका उद्देश्य किसी निश्चित सूचकांक के प्रदर्शन को मिमिक करना है। उदाहरण के लिए, HDFC NIFTY Smallcap 250 ETF NIFTY Smallcap 250 सूचकांक के प्रदर्शन को दोहराता है।
ईटीएफ निवेशकों को मार्केट एक्सपोज़र और एक संतुलित पोर्टफोलियो बनाने का मौका देते हैं।
ईटीएफ खरीदते समय निवेशकों को कार्य प्रक्रिया और जोखिमों को समझना चाहिए। उनके लिए वार्षिक रिटर्न 19.74% से 24.21% तक हो सकता है। उच्च जोखिम भी हो सकते हैं। इसलिए, एक सक्षम वित्तीय सलाहकार से परामर्श लेना महत्वपूर्ण है।
संक्षेप में, ईटीएफ एक आसान और लचीला निवेश विकल्प हैं। वे निवेशकों को बाजार के प्रदर्शन का लाभ उठाने की अनुमति देते हैं। गोल्ड ईटीएफ भी भारतीय बाजार में लोकप्रिय हैं। वे सोने की कीमतों को ट्रैक करते हैं और भौतिक सोना खरीदने के लिए पैसे का उपयोग करना आसान बनाते हैं।
etf की विविध किस्में
ईटीएफ के कई प्रकार हैं जिनमें निवेशक विविधता लाने के लिए निवेश कर सकते हैं। बॉन्ड ईटीएफ और शेयर आधारित ईटीएफ कुछ प्रमुख प्रकार हैं।
बॉन्ड ईटीएफ
बॉन्ड ईटीएफ में निवेश से निवेशक मासिक आय प्राप्त करते हैं। ये ईटीएफ विभिन्न बॉन्ड्स का संग्रह होते हैं। निवेशक स्थिर आय प्राप्त करने के लिए इनमें निवेश कर सकते हैं।
शेयर आधारित ईटीएफ
शेयर आधारित ईटीएफ में विशिष्ट उद्योग या क्षेत्र के चुनिंदा शेयरों का संग्रह होता है। निवेशक इन ईटीएफ में निवेश करके उस उद्योग में एक्सपोजर प्राप्त कर सकते हैं।
ईटीएफ की विविधता में निवेश करके निवेशक जोखिम कम कर सकते हैं। वे विभिन्न प्रकार के रिटर्न प्राप्त कर सकते हैं।
उद्योग आधारित ईटीएफ
उद्योग या सेक्टर ईटीएफ एक विशेष उद्योग के प्रदर्शन को ट्रैक करता है। उदाहरण के लिए, ऊर्जा उद्योग की कंपनियों के लिए ईटीएफ होते हैं। निवेशक इन ईटीएफ में निवेश करके उस उद्योग की संभावनाओं का फायदा उठा सकते हैं।
भारत में कई उद्योग ईटीएफ उपलब्ध हैं। जैसे बैंकिंग, आईटी, और ऊर्जा। निवेशक इन ईटीएफ से विविधता लाकर जोखिम कम कर सकते हैं।
उद्योग ईटीएफ में निवेश करने के कई फायदे हैं।
- विशेष उद्योग में विविध निवेश
- बाजार अवधारणाओं पर आधारित एक्सपोजर
- कम लागत और उच्च पारदर्शिता
उद्योग ईटीएफ में कई विकल्प हैं। जैसे बैंकिंग, आईटी, स्वास्थ्य देखभाल ईटीएफ। निवेशक इन ईटीएफ से अपने निवेश का एक्सपोजर बढ़ा सकते हैं।
उद्योग ईटीएफ चुनते समय, विविध विकल्पों पर ध्यान दें। अपनी निवेश रणनीति के अनुसार सबसे उपयुक्त ईटीएफ चुनें।
उद्योग | ईटीएफ का नाम | एक्सपोजर | प्रदर्शन |
---|---|---|---|
बैंकिंग | Kotak Banking ETF | 98.07% बैंकिंग शेयर | 15.24% लाभ पिछले वर्ष |
आईटी | Mirae Asset TIGER NASDAQ 100 ETF | 100% प्रमुख आईटी कंपनियां | 17.89% लाभ पिछले वर्ष |
ऊर्जा | ICICI Prudential Nifty Energy Index Fund | 93.21% ऊर्जा कंपनियां | 12.32% लाभ पिछले वर्ष |
उद्योग ईटीएफ में निवेश करके निवेशक अपने पोर्टफोलियो को सुरक्षित और संतुलित बना सकते हैं। यह विकल्प विभिन्न क्षेत्रों में एक्सपोजर प्रदान करता है।
कमोडिटी आधारित ईटीएफ
कमोडिटी आधारित ईटीएफ वास्तविक वस्तुओं जैसे सोना, चांदी या कच्चे तेल में निवेश करते हैं। ये फंड कमोडिटी बाजार के मूल्य उतार-चढ़ाव को दिखाते हैं। निवेशकों को कम लागत में कमोडिटी निवेश का एक तरीका देते हैं।
गोल्ड ईटीएफ
भारतीय बाजार में गोल्ड ईटीएफ भौतिक सोने की कीमत को ट्रैक करता है। ये फंड उच्च गुणवत्ता वाले भौतिक सोने की कीमत के अनुसार निवेश करते हैं। गोल्ड ईटीएफ में निवेश करके निवेशक सोने में निवेश कर सकते हैं बिना भौतिक रूप से सोना खरीदे। गोल्ड ईटीएफ का व्यापार ब्रोकर के माध्यम से स्टॉक एक्सचेंज पर किया जा सकता है।
निप्पॉन इंडिया ईटीएफ गोल्ड बीईईस एक प्रमुख भारतीय गोल्ड ईटीएफ है। इसका एनएवी 63.8325 रुपये है और कुल संपत्ति 13,725 करोड़ रुपये के आसपास है। इसने अपने शुरुआत से 11.45% की वार्षिक आय अर्जित की है।
कमोडिटी आधारित ईटीएफ में निवेश करने से निवेशकों को कई फायदे मिलते हैं। ये फंड कम लागत के होते हैं और कमोडिटी बाजार में निवेश करने का एक प्रभावी माध्यम प्रदान करते हैं। साथ ही, गोल्ड ईटीएफ जैसे फ़ंड पोर्टफोलियो में विविधीकरण लाने में मदद करते हैं।
सारांश में, कमोडिटी आधारित ईटीएफ और विशेष रूप से गोल्ड ईटीएफ भारतीय निवेशकों के लिए एक महत्वपूर्ण निवेश विकल्प है। ये फंड कम लागत, उच्च तरलता और पोर्टफोलियो विविधीकरण जैसे कई फायदे प्रदान करते हैं।
ईटीएफ में निवेश करने के फायदे
ईटीएफ निवेशकों को कई फायदे देते हैं। वे अपने पोर्टफोलियो को विविध बना सकते हैं और जोखिम कम कर सकते हैं। पोर्टफोलियो डाइवर्सिफिकेशन से निवेशक मार्केट के उतार-चढ़ाव से लाभ उठा सकते हैं।
ईटीएफ में निवेश करने की लागत कम लागत होती है। यह इसलिए है क्योंकि ये निष्क्रिय रूप से प्रबंधित होते हैं। etf के फायदे से निवेशक अधिक रिटर्न प्राप्त कर सकते हैं।
पोर्टफोलियो विविधीकरण
ईटीएफ में निवेश करने से निवेशकों को अपने पोर्टफोलियो को विविध बनाने में मदद मिलती है। यह उन्हें मार्केट के उतार-चढ़ाव से बचाता है। उदाहरण के लिए, निपोन इंडिया सिल्वर ईटीएफ ने पिछले एक साल में निवेशकों को 34% का रिटर्न दिया है और तीन साल में 49% तक का रिटर्न दिया है।
कम लागत निवेश
ईटीएफ में निवेश करने की लागत कम लागत होती है। यह इसलिए है क्योंकि ईटीएफ निष्क्रिय रूप से प्रबंधित होते हैं। इस कम लागत के कारण निवेशक अधिक रिटर्न कमा सकते हैं। उदाहरण के लिए, ICICI प्रूडेंशियल सिल्वर ईटीएफ ने एक साल में निवेशकों को 32% का रिटर्न दिया है और तीन साल में 40% का रिटर्न दिया है।
इस प्रकार, etf के फायदे जैसे पोर्टफोलियो डाइवर्सिफिकेशन और कम लागत निवेश, निवेशकों को अधिक लाभ प्रदान करते हैं।
ईटीएफ के जोखिम
ईटीएफ में निवेश करने से निवेशकों को कई जोखिम हो सकते हैं। बाजार जोखिम एक बड़ा जोखिम है। ईटीएफ का मूल्य बाजार के बदलाव से प्रभावित होता है।
ग्रोव निफ्टी इंडिया डिफेंस ETF FOF – डायरेक्ट (G) में निवेश करने के जोखिम हैं। इसमें सेक्टर-विशिष्ट जोखिम, कॉन्सन्ट्रेशन रिस्क, मार्केट और इकोनॉमिक रिस्क, और भू-राजनीतिक और नियामक जोखिम शामिल हैं। अन्य जोखिमों में विविधीकरण जोखिम, ट्रैकिंग त्रुटि जोखिम और लिक्विडिटी जोखिम भी हैं।
लेकिन, ईटीएफ में निवेश से लोग लंबी अवधि में अच्छा रिटर्न कमा सकते हैं। सूचकांक निवेश के लिहाज से ईटीएफ एक अच्छा विकल्प है। करीब 10 में से 9 सक्रिय प्रबंधित कोषों ने पिछले 15 वर्षों में S&P 500 सूचकांक को नहीं मार पाए हैं। इसलिए, निवेशकों को ईटीएफ में निवेश करके बाजार के उतार-चढ़ाव से जुड़ी अनिश्चितताओं का सामना करना चाहिए।
बाजार जोखिम
ईटीएफ पूरी तरह से बाजार के उतार-चढ़ाव पर निर्भर होते हैं। बाजार में गिरावट आने पर ईटीएफ की कीमतें भी गिर सकती हैं। इस जोखिम को हर निवेशक को ध्यान में रखना चाहिए। उदाहरण के लिए, पहली दुनिया महायुद्ध के दौरान, अमेरिकी बाजार में गिरावट आई थी और इसका असर ईटीएफ पर भी पड़ा था।
निवेशकों को ईटीएफ में निवेश करते समय बाजार जोखिम का सामना करना पड़ सकता है। इस जोखिम को कम करने के लिए, निवेशकों को अपने पोर्टफोलियो में विविधीकरण करना चाहिए और लंबी अवधि के निवेश पर ध्यान देना चाहिए।
ईटीएफ में निवेश कैसे करें?
ईटीएफ में निवेश करने के लिए, आपको ट्रेडिंग और डीमैट अकाउंट खोलना होगा। ईटीएफ यूनिट्स इलेक्ट्रॉनिक या डीमैट फॉर्म में होते हैं। यह ट्रेडिंग को आसान बनाता है।
आप ब्रोकर के माध्यम से स्टॉक एक्सचेंज पर ईटीएफ की इकाइयां खरीद या बेच सकते हैं।
डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट की आवश्यकता
ईटीएफ में निवेश करने के लिए, आपको डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट खोलना होगा। डीमैट अकाउंट में आप ईटीएफ यूनिट्स को रख सकते हैं।
ट्रेडिंग अकाउंट आपको ईटीएफ की इकाइयों को खरीदने और बेचने में मदद करता है।
भारत में कई ईटीएफ हैं जिनमें आप निवेश कर सकते हैं। उदाहरण के लिए,
- ICICI Pru Silver ETF FOF: AUM – ₹667.44 करोड़
- Invesco India – Invesco EQ NASDAQ-100 ETF FoF: AUM – ₹415.47 करोड़
- Nippon India Silver ETF FOF: AUM – ₹343.07 करोड़
- SBI Silver ETF FOF: AUM – ₹254.50 करोड़
- Aditya Birla SL Silver ETF FOF: AUM – ₹138.13 करोड़
इन ईटीएफ में निवेश करने के लिए, आपको केवल ट्रेडिंग और डीमैट अकाउंट की आवश्यकता होगी।
“ईटीएफ यूनिट्स को इलेक्ट्रॉनिक या डीमैट फॉर्म में रखा जाता है, जिससे ट्रेडिंग आसान हो जाती है।”
इन ईटीएफ में निवेश करते समय, आप कम लागत और पोर्टफोलियो विविधीकरण जैसे कई फायदे पा सकते हैं। लेकिन, बाजार जोखिम भी ध्यान में रखना जरूरी है।
समग्र रूप से, ईटीएफ में निवेश करने के लिए डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट की आवश्यकता होती है। इन अकाउंट्स को खोलकर, आप भारत में प्रमुख ईटीएफ में निवेश कर सकते हैं और कई लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
निष्कर्ष
एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) एक सस्ता निवेश विकल्प है। यह आपको शेयर बाजार में आसानी से और विविधता लाने में मदद करता है। ईटीएफ में निवेश करके आप अपने पोर्टफोलियो को विविध बना सकते हैं और जोखिम कम कर सकते हैं। इसकी लागत भी कम होती है। इसलिए, ईटीएफ निवेशकों के लिए एक अच्छा विकल्प है।
भारत में कई तरह के ईटीएफ उपलब्ध हैं। आप अपने निवेश लक्ष्य और जोखिम सहनशीलता के आधार पर चुन सकते हैं। इसमें निफ़्टी और सेंसेक्स के ईटीएफ, कमोडिटी के ईटीएफ, और क्षेत्र-आधारित ईटीएफ शामिल हैं।
ईटीएफ एक लाभदायक निवेश विकल्प हो सकते हैं। लेकिन, अपने वित्तीय लक्ष्य, जोखिम सहनशीलता, और निवेश क्षमता को ध्यान में रखते हुए सही ईटीएफ चुनना महत्वपूर्ण है। निवेश निर्णय लेते समय, etf समझारी और etf निवेश जैसे शब्दों का उपयोग करें।
FAQ
एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ETF) क्या है?
एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ETF) एक निवेश साधन है। यह विभिन्न परिसंपत्तियों की एक टोकरी है। इसमें स्टॉक, डेट इंस्ट्रूमेंट, सोना और इक्विटी इंडेक्स शामिल हैं।
ETF और म्यूचुअल फंड में क्या अंतर है?
ETF म्यूच्यूअल फंड की तरह ही है, लेकिन एक अंतर है। ETF का स्टॉक की तरह एक्सचेंज पर कारोबार होता है। यह म्यूच्यूअल फंड के लाभों को इक्विटी स्टॉक के साथ जोड़ता है।
ETF कैसे काम करते हैं?
ETF की इकाइयां मान्यताप्राप्त स्टॉक एक्सचेंज के पंजीकृत ब्रोकर के ज़रिये खरीदी और बेची जाती हैं। निवेशक जितना चाहे इकाइयां खरीद सकते हैं। ETFs अपने सदृश सूचकांक को मात देने की कोशिश नहीं करते, उसके प्रदर्शन को दोहराते मात्र हैं।
ETF के अलग-अलग प्रकार कौन-कौन से हैं?
ईटीएफ के कई प्रकार होते हैं। बॉन्ड ईटीएफ में निवेश से मासिक आय मिलती है। शेयर ईटीएफ में शेयरों का कलेक्शन होता है जो विशिष्ट उद्योग या क्षेत्र का प्रदर्शन ट्रैक करते हैं।
उद्योग या सेक्टर आधारित ETF क्या होते हैं?
उद्योग या सेक्टर ईटीएफ एक फंड है जो विशेष उद्योग या क्षेत्र का प्रदर्शन ट्रैक करता है। उदाहरण के लिए, ऊर्जा उद्योग में काम करने वाली फर्मों को उस क्षेत्र के लिए ईटीएफ में शामिल किया जाता है। इस तरह के ईटीएफ में निवेश करके निवेशक उस उद्योग की संभावनाओं का लाभ उठा सकते हैं।
गोल्ड ETF क्या है?
भारतीय बाजार में गोल्ड ETF भौतिक सोने की कीमत को ट्रैक करता है। ये फंड उच्च गुणवत्ता वाले भौतिक सोने की कीमत के अनुसार निवेश करते हैं। गोल्ड ETF में निवेश करके निवेशक सोने में निवेश कर सकते हैं बिना भौतिक रूप से सोना खरीदे।
ETF में निवेश करने के क्या फायदे हैं?
ईटीएफ में निवेश करके निवेशक अपने पोर्टफोलियो को विविध कर सकते हैं और जोखिम को कम कर सकते हैं। साथ ही, ईटीएफ में निवेश करने की लागत भी कम होती है क्योंकि ये निष्क्रिय रूप से प्रबंधित फंड होते हैं।
ETF में निवेश करने के क्या जोखिम हैं?
बाजार जोखिम एक प्रमुख जोखिम है जिसका सामना ईटीएफ इन्वेस्टर्स को करना पड़ता है। ईटीएफ स्टॉक बाजार के उतार-चढ़ाव से प्रभावित होते हैं, इसलिए बाजार में उतार-चढ़ाव होने पर ईटीएफ के मूल्य भी प्रभावित हो सकते हैं।
ETF में निवेश कैसे करें?
ईटीएफ में निवेश करने के लिए आपको ट्रेडिंग और डीमैट अकाउंट की आवश्यकता होती है। ईटीएफ यूनिट्स को इलेक्ट्रॉनिक या डीमैट फॉर्म में रखा जाता है। इससे ट्रेडिंग आसान हो जाती है। आप ब्रोकर के माध्यम से स्टॉक एक्सचेंज पर ईटीएफ की इकाइयां खरीद या बेच सकते हैं।